श्री दुर्गा माता की आरती | Durga Aarti PDF Download Free 2023

नमस्कार दोस्तों, दुर्गा आरती को गुनगुनाने का एक अलग ही आनंद होता है। जब दुर्गा माँ की आरती होती है, तो हर एक भक्त का मन प्रेम और भक्ति से भरा होता है। दुर्गा आरती, माँ दुर्गा के पवित्र चरण स्पर्श का अनुभव करने का अवसर देती है। ये आरती माँ दुर्गा के पवित्र रूप की स्तुति करती है और उनकी शक्ति को प्रसन्न करने का प्रयास करती है।

You also read: MP GK PDF

आरती शब्द का अर्थ है “प्रकाश” या “रोशनी”। दुर्गा आरती को करने से हम अपने जीवन में रोशनी और ज्ञान का प्रकाश प्राप्त करते हैं। जब हम दुर्गा मां की आरती करते हैं, तो हम उनकी अनुपम शक्तियों को याद करते हैं और उनकी कृपा का अनुभव करते हैं।

दुर्गा आरती का प्रारम्भ होता है प्रातः काल के समय, जब सूरज की पहली किरणें दिखाई देती हैं। ये आरती दिन की शुरूआत में ही जाती है, ताकि हर एक दिन मां दुर्गा की कृपा हमारे साथ रहे। आरती के समय, भक्त लोग घी की दीया जलाते हैं और भक्ति भाव से दुर्गा मां की स्तुति करते हैं।

दुर्गा आरती के शब्दों में मां दुर्गा की महिमा, उनकी शक्ति और उनके गुणों का वर्णन होता है। हर शब्द में भक्ति भाव और प्रेम की अनुभूति होती है। आरती के ध्वनि से मंदिर में एक पवित्र और शांत वातावरण बनता है, जहां भक्त लोग अपने मन की शांति और सुख की प्रार्थना करते हैं।

दुर्गा आरती का प्रस्तुतिकरण कई रूपों में होता है, जैसे राजा रामचन्द्र जी, माता लक्ष्मी और भक्ति मार्ग के मार्गदर्शक द्वार भी। हर एक रूप की दुर्गा आरती में माँ दुर्गा के विविध रूपो की स्तुति है और उनके गुणों का गुणगान होता है।

दुर्गा आरती का पथ करके हम अपने जीवन में शुभ और मंगल का अनुभव करते हैं। ये आरती हमें साहस, समर्पण और शक्ति प्रदान करती है, जिसे हम अपने जीवन के हर कथा का सम्मान कर सकते हैं। इसके हमें दर्शन होते हैं कि मां दुर्गा हमेशा हमारे साथ हैं और हमें हर मुश्किल से पार करने की शक्ति मिलती है।

दुर्गा आरती को करने से हमें पवित्र एवं शक्तिशाली महानगर में ले जाता है, जहां हम भक्ति और प्रेम के साथ मां दुर्गा की पूजा करते हैं। ये आरती का आनंद लेकर हम अपने जीवन में सुख और समृद्ध बन सकते हैं, और मां दुर्गा की कृपा हमेशा हमारे साथ बनी रहेगी।

Durga Aarti Lyrics in Hindi |दुर्गा आरती

जय अम्बे गौरी; मैया जय श्यामा गौरी;।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
तुम ही जग की माता., तुम ही हो भरता.,
भक्तन की दुख हरता। सुख संपति करता॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
श्री अंबेजी. की आरति. जो कोइ नर. गावे.।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

दुर्गा आरती की सही विधि

दुर्गा आरती का महत्व भक्ति और शक्ति के साथ जुड़ा है। दुर्गा माता के प्रति श्रद्धा और समर्पण का प्रकट करने के लिए, लोग दुर्गा आरती का पाठ करते हैं। ये एक प्रमुख भक्ति गीत है, जैसी मां दुर्गा की स्तुति होती है और उनके समर्पण का अभिनंदन होता है। दुर्गा आरती का पाठ करने के लिए कुछ नियम होते हैं, जो शास्त्र और परंपरा से प्राप्त होते हैं। ये नियम भक्ति और श्रद्धा को साथ लेकर आते हैं। दुर्गा आरती की विधि:

1. स्थापना: सबसे पहले, पूजा स्थल को पवित्र और शुद्ध बनाया जाता है। मूर्ति या चित्र के सामने एक आसन पर दुर्गा माता का स्थापना किया जाता है।

2. आरती की प्रकृति: दुर्गा आरती की प्रकृति में, एक थाली में दीपक, अगरबत्ती, फूल, चावल, चंदन, सिन्दूर और गुलाबजल रखा जाता है। ये सब समग्री माता के चरणों में अर्पण किया जाता है।

3. मंत्र जाप: दुर्गा आरती के पाठ से पहले, मंत्र जाप किया जाता है। इसमे दुर्गा मंत्र का जाप होता है जो भक्ति और शक्ति की प्राप्ति में सहायक होता है।

4. आरती गाना: आरती गाने से पहले, भक्ति भाव से मां दुर्गा की उपस्थति में समय बिताया जाता है। आरती के दौरन दीपक की रोशनी, धूप, और फूलों की सुगंध से मां दुर्गा का स्वागत किया जाता है। 5. प्रसाद वितरण: आरती के बाद, प्रसाद को मां दुर्गा के चरणों में अर्पण किया जाता है, और फिर भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाता है।

6. आरती के प्रकाशन: आरती के प्रकाशन के समय, भक्तों ने एक साथ आरती का दीपक उठाना होता है और मां दुर्गा की आरती गाते हैं। क्या समय भक्ति और प्रेम का अनुभव होता है।

7. आरती के अंत में, भक्तों की अंतिम प्रार्थना होती है। क्या समय सभी भक्तों का सामूहिक प्रेम और श्रद्धा से मां दुर्गा का स्मरण होता है। दुर्गा आरती का पाठ करने से भक्तों की आंतरिक शक्ति जागृत होती है और उनका मन शांत और प्रेम से भर जाता है। ये आरती का अनुष्ठान श्रद्धा और प्रेम से किया जाता है, जो मां दुर्गा की कृपा को प्राप्त करने में सहायक होता है।

दुर्गा आरती से होने वाले लाभ

  • दुर्गा आरती के फायदे: मन, धन और परंपरा में समृद्धि” दुर्गा आरती को घर में रोज़ाना पढ़ना या सुनना एक परंपरा है जो हमारे समाज में महत्व से जुड़ा हुआ है। ये अमर आरती न सिर्फ भक्ति में विश्वास बढ़ाती है, बाल्की धन और मन को भी शक्ति प्रदान करती है। दुर्गा आरती के अनेक फायदे हैं जो हमारे जीवन में समृद्धि और सुख लाती है।
  • मन की शांति: दुर्गा आरती का पाठ करने से मन में शांति और संतुलन आता है। भगवान दुर्गा का ध्यान करके, हम अपने जीवन के जीवन का समाधान खोजते हैं और उन्हें हल करने की शक्ति प्राप्त करते हैं। इससे हमारा मन शुद्ध और प्रसन्न रहता है।
  • धन की वृद्धि: घर में दुर्गा आरती का पाठ करने से धन की वृद्धि होती है। भगवान दुर्गा की कृपा से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और व्यवसाय में वृद्धि होती है। ये आरती धन के बंधनों को खोल देती है और नए मौके प्रदान करती है।
  • पारिवारिक परम्परा का माध्यम: दुर्गा आरती हर दिन घर में जाती है, जो पारिवारिक परम्परा का एक महत्व पूर्ण हिसा है। इस पारिवारिक रिश्ते मजबूत होते हैं और संबंधों में प्रेम और सम्मान का परिवर्तन बना रहता है। बच्चों को भी परंपरा का महत्व समझ में आता है।
  • रोगी को शक्ति प्रदान: दुर्गा आरती के पाठ से रोगियों को भी शक्ति मिलती है। दुर्गा माँ की कृपा से व्यक्ति रोग-मुक्त हो जाता है और उन्हें रोगो से मुक्ति मिलती है। यह व्यक्ति स्वस्थ और प्रसन्न रहता है।
  • आत्मा की शुद्धि और विकास: दुर्गा आरती का पाठ करने से हमारी आत्मा की शुद्धि होती है और हमारा अंतर्मन विकसित होता है। ये हमारे अंदर के बुरे विचारों को दूर करती है और हमें सत्य और सच्चाई की ओर ले जाती है।
  • दुर्गा आरती का महत्व हमेशा से ही हमारे समाज में आ रहा है और इसके फायदे भी अनंत हैं। हमारे आदमी, धन और परंपरा में समृद्धि और सुख की प्राप्ति होती है। इसलिए, दुर्गा आरती को नियम से पढ़ें, अपने जीवन को मंगलमय बनाएं और भगवान दुर्गा की कृपा प्राप्त करें। जय माता दी

FAQs
दुर्गा माता का असली नाम क्या है?

दुर्गा माता का असली नाम दाक्षायणी था।

दुर्गा माता की मां कौन है?

रानी मैनावती है।

Final Thought of Durga Aarti PDF:

इस पोस्ट में Durga Aarti Pdf को फ्री में उपलब्ध करवाया गया है। इसके अतिरिक्त हमने आपको इस पोस्ट में इस आरती से होने वाले लाभ और विधि के बारे में जानकारी प्रदान की।उम्मीद करते है की durga aarti in hindi pdf Download करने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं हुई होगी।
आशा करते है यह पोस्ट आपको जरूर पसंद आयी होगी। यदि आपको durga mata aarti pdf Download करने में किसी भी प्रकार की समस्या आ रही हो तो कमेंट करके जरूर बताये। साथ ही durga ji ki aarti pdf पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ अवश्य शेयर करें। ताकि वे भी इस Pdf को आसानी से फ्री में डाउनलोड कर सकें और इससे लाभान्वित हो सकें।

Read also: MP GK PDF

5 thoughts on “श्री दुर्गा माता की आरती | Durga Aarti PDF Download Free 2023”

Leave a Comment