Hanuman Aarti PDF | हनुमान जी की आरती पीडीएफ डाउनलोड

हनुमान आरती: भक्ति का प्रतीक

हनुमान आरती एक प्रकार की भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। हनुमान जी को समर्पित ये आरती उनकी शक्ति, ज्ञान और प्रेम का दर्शन कराती है। ये आरती उनके पवित्र चरित्र को याद करने का अवसर है और उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक माध्यम है।

हनुमान जी के गुण

हनुमान जी, भगवान राम के भक्त और उनके निजी सेवक हैं। उनका प्रेम, समर्पण और विराट का प्रतीक है। उनकी भक्ति, बल और बुद्धि का मिश्रण उन्हें अनंत शक्ति प्रदान करता है। उनके चरित्र में विश्वास, समर्पण और विजयी भाव का अमूल्य संगम है।

हनुमान आरती का महत्व:

हनुमान आरती के गाने से हम उनके गुणों को याद करते हैं और उनकी कृपा का अनुभव करते हैं। आरती गाते समय हम उनकी शक्ति, साहस और ज्ञान को प्राप्त करते हैं। इसके अलावा, ये आरती मन की शांति और आंतरिक सुख की प्राप्ति में भी सहायक होती है।

हनुमान आरती के शब्दों का महत्व

हनुमान आरती के शब्दों में उनकी महिमा, वीरता और प्रेम का वर्णन है। हर शब्द में उनकी दिव्यता और साहस भरी कथा छुपी होती है। शब्दों को गाकर, हम उनकी उपासना और उनके पवित्र चरित्र की स्तुति करते हैं।

हनुमान आरती का पथ

हनुमान आरती को प्रातः और संध्या में पथ बनाने से मनुष्य को दुःख से मुक्ति, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। इसके साथ ही, व्यक्ति की मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है। हनुमान आरती को शुद्ध हृदय और श्रद्धा भक्ति के साथ गाना चाहिए।

हनुमान आरती के फायदे

हनुमान आरती को नियम से गाने से व्यक्ति में आत्मा शुद्धि और मनुष्य की पवित्रता का विकास होता है। इसके अलावा, इस मनुष्य के जीवन में शुभ घटनाएं होती हैं और भक्ति भाव का विकास होता है।

अंतिम विचार:

हनुमान आरती के पथ से हम उनकी दिव्यता और पवित्र सत्ता में आनंदित होते हैं। इस हमारे जीवन में शांति, समृद्धि और प्रेम की वृद्धि होती है। इसलिए, हनुमान आरती को नियमबद्ध रूप से गाना हमारे जीवन को दिव्य ऊर्जा और शक्ति प्रदान करता है। जय हनुमान! जय श्री राम!

Hanuman Aarti Hindi PDF

हनुमान आरती एक पवित्र आराधना है जो भगवान हनुमान के सम्मान में होती है। ये आरती भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। हनुमान जी को समर्पित है आरती को पढ़कर भक्त उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पर हनुमान आरती पढ़ने के कुछ नियम हैं, जो इस पवित्र क्रिया को सही तरीके से अंजाम देने में मदद करते हैं। चलिए, हनुमान आरती के असली नियम को समझें:

  • सफ़ाई और पवित्रता: हनुमान आरती पढ़ने से पहले व्यक्ति को अपने शरीर को और अपने आस-पास के वातावरण को पवित्र और साफ रखना चाहिए। इसमे आदमी और शरीर दोनों का पवित्र होना बहुत महत्वपूर्ण है।
  • समय की प्रस्तुति: हनुमान आरती का पढ़ना संयुक्त समय पर होता है, जैसे सुबह के समय या संध्या कल। हनुमान जी को समर्पित है आरती पढ़ने के लिए निश्चित समय चयन करना अनिवार्य है।
  • श्रद्धा और भक्ति: आरती को पढ़ने के समय व्यक्ति के मन में श्रद्धा और भक्ति होनी चाहिए। हनुमान जी के प्रति प्रेम और विश्वास को सजीव रख कर, आरती का पथ बनाना चाहिए।
  • ध्यान और व्यवहार भावना: हनुमान जी के रूप में मन की दृष्टि को स्थिर रखकर आरती पढ़नी चाहिए। मन को यहीं समझ आता है कि हनुमान जी के दर्शन हो रहे हैं और उन्हें समग्र भावपूर्ण स्थिति में रहना चाहिए।
  • वचन शुद्धि: हनुमान आरती पढ़ने के लिए अपने वचन को पवित्र और शुद्ध रखना चाहिए। आरती का पथ करते समय, वचन की पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।
  • समन्वय और संगीत: हनुमान आरती का पथ ध्यान से और सुरीली आवाज में करना चाहिए। इसमें भक्ति भाव को व्यक्त करते हुए, शब्दों को सही संगीत के साथ मिलना चाहिए।
  • प्रमाणिक किताबें: हनुमान आरती का पाठ करते समय, प्रमाणिक पुस्तकों का इस्तमाल करना चाहिए। इस शब्दों का सही अर्थ समझने में मदद मिलती है और आरती का महत्व समझने में सहायक होती है।…

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हनुमान जी, भारत के प्राचीन इतिहास में एक महत्तवपूर्ण चरित्र है। वो भगवान राम के सबसे विशेष भक्त के रूप में प्रसिद्ध हैं। उनका नाम, उनकी शक्ति और उनकी भक्ति हर हिंदू के लिए आदर्श है।

हनुमान जी को कई नाम से जाना जाता है – पवनपुत्र, बजरंगबली, अंजनेय और राम भक्त हनुमान। उनकी जन्म कथा भी अदभुत है। उनका जन्म काल सुंदर कांड में वर्णित है, जहां माता अंजना और पवन देव के वरदान से उनका जन्म हुआ था।

हनुमान जी के चरित्र में बहुत शक्ति है। उनकी प्रतिभा, बाल और बुद्धि सबसे ऊँची है। उनका सुंदर स्वरूप और उनकी बदाई का वर्णन रामायण में मिलता है। उनकी शक्ति की कहानियाँ बचपन से सुनी जाती हैं और उनकी प्रतिभा को अद्भुत माना जाता है।

हनुमान जी का पवित्र चरित्र उनकी भक्ति में अटलता को दर्शाता है। भगवान राम का प्रेम और सेवा किया, उनकी मदद की और लंका तक जाकर माता सीता का पता लगाया। उनकी भक्ति और समर्पण इतना अदभुत था कि भगवान राम ने उनको अपने साथी का दर्जा दिया।

हनुमान जी की भक्ति और समर्पण को याद करके, हमें भी अपने जीवन में उनकी तरह पवित्र भावनाओं को अपनाना चाहिए। उनकी कहानियों से हमें कड़ी मेहनत, विश्वास और सेवा का संदेश मिलता है। हनुमान जी आज भी लोगों के दिलों में महिमा गाते हैं।

उनका नाम लेना, उनकी आरती गाना और उनकी कथा सुनना, भक्ति और शक्ति में वृद्धि करने का अद्भुत साधन है। उनका नाम लेकर भक्ति में समर्पित होकर, हम अपने जीवन में शुभ कार्य और सद्भावना को अंकित कर सकते हैं।

हनुमान जी हमें एक साकारात्मक दृष्टि से जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं। उनकी शक्ति और भक्ति से प्रेरित होकर, हम अपने जीवन में बड़े ही उत्साह से और विश्वास के साथ आगे बढ़ते हैं। तो चलिए, हनुमान जी की महिमा को याद करते हैं और उनकी भक्ति में प्रेम और समर्पण से अपना जीवन सुंदर बनाते हैं। बजरंगबली की जय हो! जय श्री राम!

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